प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में अपने तीखे और प्रभावशाली भाषण से विपक्ष पर जोरदार हमला बोला और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने रखा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में दिए गए इस बयान में मोदी ने कहा कि भारत अब चुप बैठने वाला देश नहीं रहा, और जब भी देश की संप्रभुता को ललकारा गया, हमने दोगुने साहस और सटीक जवाब से उसका मुँहतोड़ उत्तर दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि भारत की सैन्य कार्रवाइयां किसी दबाव या वैश्विक दबाव में नहीं, बल्कि स्वतंत्र निर्णय और रणनीतिक उद्देश्य के तहत होती हैं। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ पार्टियाँ देश की सुरक्षा के मुद्दों पर भी राजनीतिक लाभ के लिए झूठ और भ्रम फैलाने का कार्य कर रही हैं।
मोदी ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब भारत ने मात्र 22 मिनट में दिया, जिससे दुश्मन देशको यह संदेश मिला कि अब भारत पुराने युग का नहीं, निर्णायक कार्यवाही करने वाला भारत है।
ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने सीमापार आतंकी ढांचे पर निर्णायक हमले किए, जो भारत की रक्षा नीति में एक नया अध्याय है।
तेजी से जवाब पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने केवल 22 मिनट में जवाबी कार्रवाई कर दिखाया कि हमारी सेना और नेतृत्व सतर्क है।
वैश्विक दबाव पर प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं चलता। निर्णय भारत में होते हैं और भारत के हित में होते हैं।
विपक्ष पर हमला विपक्षी दलों को “राजनीतिक सुविधा के लिए राष्ट्रहित से समझौता करने वाला” करार देते हुए पीएम ने उनकी नीयत पर सवाल उठाए।
जनता को संदेश “यह नया भारत है – जो आतंक को जड़ से मिटाने का साहस रखता है और कूटनीति के साथ–साथ कार्रवाई भी करता है।”
“पहले हम सहते थे, अब हम सहन नहीं करते।”
“भारत की चुप्पी को कमजोरी न समझा जाए – हमारी चुप्पी सिर्फ रणनीति होती है।”
“कुछ लोगों को भारत की मजबूती से तकलीफ है, क्योंकि उनकी राजनीति डर पर टिकी है।”
“दुनिया देख रही है कि भारत न केवल कहता है, बल्कि करता भी है।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण विपक्षी आलोचनाओं का करारा जवाब था और साथ ही जनता को यह भरोसा दिलाने का प्रयास कि भारत की सुरक्षा अब पूरी तरह दृढ़ हाथों में है। उनका संदेश स्पष्ट था — भारत अब सिर्फ प्रति क्रियाशील नहीं, बल्कि निर्णायक भी है।